Wednesday 22 March 2017

Chaitra Navtratri 2017

चैत्र नवरात्र


साल 2017 की चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होगी. इस पूजा की शुरुआत घटस्थापना से होगी, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक का है. नौ दिनों तक चलने इस पूजा में तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों आराधना की जाएगी. वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं, लेकिन इनमें से चैत्र और आश्विन नवरात्र सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं.

वसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वसंत, वासंती या वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है. उल्लेखनीय है कि चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों के साथ ही हिन्दू नवसंवत्सर शुरू हो जाता हैं. इस साल 28 मार्च से शुरू होने वाले यह नवरात्र पांच अप्रैल तक चलेगा. प्रस्तुत है इस चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां:


  • 28 मार्च 2017 : नवरात्र के पहले दिन दिन घटस्थापना होगी और देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी
  • 29 मार्च 2017 : नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी.
  • 30 मार्च 2017 : नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाएगी.
       31 मार्च 2017 : इस साल 31 तारीख को माता के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा जी की आराधना की जाएगी.
       01 अप्रैल 2017 : नवरात्र के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.
       02 अप्रैल 2017 : चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.
       03 अप्रैल 2017 : नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी.
       04 अप्रैल 2017 : नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी. इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं.
      05 अप्रैल 2017 : नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन की जाएगी. सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है.

नवरात्रि में क्या करते हैं श्रद्धालु
  • मान्यता है कि देवी दुर्गा को लाल रंग सर्वप्रिय है, इसलिए नवरात्रि व्रतधारी को लाल रंग के आसन, पुष्प और वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए.
  • प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि व्रतधारी सुबह और शाम देवी दुर्गा के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में घी का दीपक प्रज्जवलित करते हैं और दुर्गा सप्तसती और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं. फिर देवी की आरती करते हैं.
  • नवरात्रि में अनेक श्रद्धालु नौ दिन उपवास रखते हैं या एक समय को भोजन नहीं करते हैं या फिर केवल फलाहार पर रहते हैं.
  • प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा नहीं किया जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन नव कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराया जाता है.

नवरात्रि में ये करना है मना
  • मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में 9 दिन दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाई जाती है. इन दिनों नाखून काटने के लिए भी मना किया जाता है.
  • जो व्रतधारी नवरात्रि में कलश स्थापना करते हैं और माता की चौकी स्थापित करते हैं, वे इन 9 दिनों में घर खाली छोड़कर नहीं जा सकते हैं.
  • मान्यताओं के अनुसार इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और मांसाहार (नॉन-वेज) पाबन्दी होती है. केवल यही नहीं, बल्कि व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू काटने पर रोक लगा दिया जाता है. साथ ही व्रत रखने वालों को 9 दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. उन्हें बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा जाता है.
  • नवरात्रि व्रतधारी नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करते हैं. पौराणिक आख्यानों के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और ब्रह्मचर्य का पालन न करने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.

नवरात्रि महिमा - देवी भागवत महापुराण अनुसार


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